The Bengal Files Review: Vivek Agnihotri ने वर्तमान में दिखाई अतीत की दर्दनाक परछाई, फिल्म देखकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

Vivek Agnihotri Anupam Kher film The Bengal Files Review: मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर और विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. चलिए जानते हैं कि इस पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म को कितनी रेटिंग मिली है.

By: Shivani Duksh  |  Published: September 5, 2025 3:23 PM IST

The Bengal Files Review: Vivek Agnihotri ने वर्तमान में दिखाई अतीत की दर्दनाक परछाई, फिल्म देखकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' (The Bengal Files) ने आखिरकार सिनेमाघरों में दस्तक दे दिया है. सुबह से ही 'द बंगाल फाइल्स' के बारे में फैंस सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं. 'द बंगाल फाइल्स' की जमकर तारीफ हो रही है. अपनी इस रिपोर्ट में हम आपको बताने वाले हैं कि 'द बंगाल फाइल्स' कैसी फिल्म है.

फिल्म रिव्यू : द बंगाल फाइल्स
रेटिंग- 4 स्टार्स
कास्ट - दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, शाश्वत चटर्जी और मदालसा शर्मा
डायरेक्टर- विवेक अग्निहोत्री

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एक जमाना था जब अंग्रेजों ने 200 साल तक भारत पर राज किया. इस दौरान देश के लोगों ने एक जुट होकर अंग्रेजी हुकुमत को गिराने की कोशिश की थी. उस समय अंग्रेजों को समझ आया था कि अगर भारत पर राज करना है तो हिंदू और मुस्लिमों के बीच फूट डालनी होगी. उस जमने में ब्रिटिश सरकार ने फूट डालो राजनीति करो का खेल खेलना शुरू किया था जो आज भी खत्म नहीं हो पाया है. इस आइडिए को आधार बनाकर विवेक अग्निहोत्री ने 'द बंगाल फाइल्स' को बनाया है. फिल्म में अतीत के जरिए वर्तमान में चल रही दिक्कतों को दिखाया है और समझाने की कोशिश की है कि क्यों वैस्ट इंडिया से आगे है. वैस्ट में लोग जाति के नाम पर एक दूसरे का खून नहीं बहाते. अगर इंडिया का नाम आगे चलकर रोशन करना है तो हिंदू मुस्लिम के इस भेद को हटाना होगा.

कहानी में क्या है?

3 घंटा 43 मिनट लंबी इस फिल्म में 1946 में हुए बंगाल में दंगों के इर्द गिर्द कहानी रची गई है. कहानी की शुरुआत की में दिखाया गया है कि गीता मंडल नाम की दलित लड़की गायब हो जाती है. इस लड़की के गायब होने का आरोप अल्पसंख्यक समुदाय के नेता पर लगाया जाता है, ऐसे में शिवा पंडित (दर्शन कुमार) नाम का CBI ऑफिसर मामले की जांच करने के लिए आता है. यहां पर शिवा की मुलाकात भारती चटर्जी नाम की बूढ़ी महिला से होती है. भारती चटर्जी ने आजादी से पहले बंगाल को दंगों की आग में जलते देखा है जिसे वो आज भी भुला नहीं पाई है. ऐसे में भारती शिवा को अपना अतीत दिखाती है. अब भारती के इस अतीत के साथ साथ कि कैसे शिवा इस केस को सुलझाता है यही 'द बंगाल फाइल्स' की कहानी है.

फिल्म में है देशभक्ति का फ्लेवर

'द बंगाल फाइल्स' में आपको देशभक्ति से भरे नारे सुनने को मिलेंगे. हालांकि 'द बंगाल फाइल्स' में ट्रैडिशनल म्यूजिक की कमी है. म्यूजिक की इस कमी को पूरा करने के लिए 'द बंगाल फाइल्स' के मेकर्स ने देशभक्ति के गानों का इस्तेमाल किया है जिनको बांग्ला में गाया गया है. इस संगीत को सुनकर आप खुद को झूमने से नहीं रोक पाएंगे.

सितारों ने दी जबरदस्त परफॉर्मेंस

दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, शाश्वत चटर्जी और मदालसा शर्मा जैसे सितारों ने 'द बंगाल फाइल्स' के हर एक सीन में जान डालने की पूरी कोशिश की है. फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती के तेवर देखने लायक हैं. वहीं सिमरत कौर और पल्लवी जोशी ने भी फिल्म की कहानी को बांधने का जिम्मा उठाया है. गाधी से लेकर जिन्ना तक... आपको इस फिल्म में अतीत के बहुत से जाने पहचाने चेहरे देखने को मिलेंगे. गांधी बनकर अनुपम खेर ने अपनी बेहतरीन अदाकारी का परिचय दिया है. इस फिल्म के जरिए ही आप जान पाएंगे कि गांधी को बकरी का दूध निकालना भी आता था.

फिल्म की यूएसपी

'द बंगाल फाइल्स' को बनाने में विवेक अग्निहोत्री ने काफी पापड़ बेले हैं. 'द बंगाल फाइल्स' का कैमरा वर्क और लोकेशन्स फिल्म को विज़ुअली शानदार बनाते हैं. 'द बंगाल फाइल्स' के कई सीन्स ऐसे हैं जिनको देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. लाश को खाती चीलें... पसीने से अपनी प्यास भुजाता बच्चा... 'द बंगाल फाइल्स' में ऐसे ऐसे सीन्स हैं जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर सकते हैं. हालांकि 'द बंगाल फाइल्स' में इमोशनल सीन्स की थोड़ी कमी है. 'द बंगाल फाइल्स' के मेकर्स ने फिल्म के हर एक सीन पर बारीकी से काम किया है.

क्या खटकता है?

'द बंगाल फाइल्स' में हद से ज्यादा मारकाट दिखाई है. ये फिल्म बच्चों के लिए नहीं बनाई गई है. अगर आपको दिल कमजोर है कि आप 'द बंगाल फाइल्स' को 15 मिनट भी नहीं देख पाएंगे. 'द बंगाल फाइल्स' में मारकाट को थोड़ा कम किया जा सकता था. 'द बंगाल फाइल्स' का सेकेंड हाफ फिल्म लंबी होने की वजह से बोरिंग लगता है. हालांकि 'द बंगाल फाइल्स' के सेकेंड हाफ में मारकाट कम की गई है.

फाइनल वर्डिक्ट

कहना गलत नहीं होगा कि 'द बंगाल फाइल्स' में बंगाल में हुए नरसंहार को बहुत अच्छे से दिखाया गया है. बॉलीवुड में ऐसे बहुत कम ही लोग हैं जो कि सच्चाई की बात करते हैं. 'द बंगाल फाइल्स' में कहानी के साथ विवेक अग्निहोत्री ने सबूत भी दिए हैं कि किस तरह से बंगाल के लोगों का लहू आजादी से पहले और बाद में बहाया गया था. फिल्म में दिखाई गई तस्वीरें देखकर आपका दिल दहल जाएगा.

देखें अगर: अगर आप इतिहास के पन्नों को पलटना पसंद करते हैं तो 'द बंगाल फाइल्स' आपके लिए हैं.
स्किप करें अगर: आप आप कमजोर दिल के हैं और मारकाट नहीं देख सकते तो फिर आपको 'द बंगाल फाइल्स' को स्किप ही कर देना चाहिए.